रविवार, 18 अप्रैल 2021

एकश्लोकि रामायणम् १

 

एकश्लोकि रामायणम् १

आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं काञ्चनं var पूर्वं वैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसम्भाषणम् । वालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लङ्कापुरीदाहनं ( var वालीनिग्रहणं) पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननमेतद्धि रामायणम् ॥ var कुम्भकर्णकदनं इति एकश्लोकि रामायणं (१) सम्पूर्णम् ॥

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