एकश्लोकी भागवतम्
आदौ देवकिदेविगर्भजननं गोपीगृहे वर्धनम्
मायापूतनजीवितापहरणं गोवर्धनोद्धारणम् ।
कंसच्छेदनकौरवादिहननं कुंतीसुतां पालनम्
एतद्भागवतं पुराणकथितं श्रीकृष्णलीलामृतम् । ।
इति श्रीभागवतसूत्र ॥
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