रविवार, 28 जून 2020

भगवान शिव के पंचमुख स्वरूप का क्या है रहस्य ?


भगवान शिव का विष्णुजी से अनन्य प्रेम है शिव तामसमूर्ति हैं और विष्णु सत्त्वमूर्ति हैं, पर एक-दूसरे का ध्यान करने से शिव श्वेत वर्ण के और विष्णु श्याम वर्ण के हो गये

ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान विष्णु ने अत्यन्त मनोहर किशोर रूप धारण किया उस मनोहर रूप को देखने के लिए चतुरानन ब्रह्मा, बहुमुख वाले अनन्त, सहस्त्राक्ष इन्द्र आदि देवता आए उन्होंने एकमुख वालों की अपेक्षा भगवान के रूपमाधुर्य का अधिक आनन्द लिया यह देखकर भगवान शिव सोचने लगे कि यदि मेरे भी अनेक मुख नेत्र होते तो मैं भी भगवान के इस किशोर रूप का सबसे अधिक दर्शन करता भगवान शिव के मन में इस इच्छा के उत्पन्न होते ही वे पंचमुख हो गए  

पांच मुखों के कारण शिव कहलाते हैंपंचाननऔरपंचवक्त्र

भगवान शिव के पांच मुखसद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान हुए और प्रत्येक मुख में तीन-तीन नेत्र बन गए तभी से वेपंचाननयापंचवक्त्रकहलाने लगे भगवान शिव के पांच मुख चारों दिशाओं में और पांचवा मध्य में है

भगवान शिव के पश्चिम दिशा का मुख सद्योजात है यह बालक के समान स्वच्छ, शुद्ध निर्विकार हैं

उत्तर दिशा का मुख वामदेव है वामदेव अर्थात् विकारों का नाश करने वाला

दक्षिण मुख अघोर है अघोर का अर्थ है कि निन्दित कर्म करने वाला निन्दित कर्म करने वाला भी भगवान शिव की कृपा से निन्दित कर्म को शुद्ध बना लेता है

भगवान शिव के पूर्व मुख का नाम तत्पुरुष है तत्पुरुष का अर्थ है अपने आत्मा में स्थित रहना

ऊर्ध्व मुख का नाम ईशान है  ईशान का अर्थ है स्वामी

भगवान शंकर के पांच मुखों में ऊर्ध्व मुख ईशान दुग्ध जैसे रंग का, पूर्व मुख तत्पुरुष पीत वर्ण का, दक्षिण मुख अघोर नील वर्ण का, पश्चिम मुख सद्योजात श्वेत वर्ण का और उत्तर मुख वामदेव कृष्ण वर्ण का है

शिवपुराण में भगवान शिव कहते हैंसृष्टि, पालन, संहार, तिरोभाव और अनुग्रहमेरे ये पांच कृत्य (कार्य) मेरे पांचों मुखों द्वारा धारित हैं

भगवान शिव की पांच विशिष्ट मूर्तियां (मुख) विभिन्न कल्पों में लिए गए उनके अवतार हैं

जगत के कल्याण की कामना से भगवान सदाशिव के विभिन्न कल्पों में अनेक अवतार हुए जिनमें उनके सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान अवतार प्रमुख हैं ये ही भगवान शिव की पांच विशिष्ट मूर्तियां (मुख) हैं अपने पांच मुख रूपी विशिष्ट मूर्तियों का रहस्य बताते हुए भगवान शिव माता अन्नपूर्णा से कहते हैंब्रह्मा मेरे अनुपम भक्त हैं उनकी भक्ति के कारण मैं प्रत्येक कल्प में दर्शन देकर उनकी समस्या का समाधान किया करता हूँ

श्वेतलोहित नामक उन्नीसवें कल्प में ब्रह्मा सृष्टि रचना के ज्ञान के लिए परब्रह्म का ध्यान कर रहे थे तब भगवान शंकर ने उन्हें अपने पहले अवतार  सद्योजात रूप में दर्शन दिए इसमें वे एक श्वेत और लोहित वर्ण वाले शिखाधारी कुमार के रूप में प्रकट हुए औरसद्योजात मन्त्रदेकर ब्रह्माजी को सृष्टि रचना के योग्य बनाया

रक्त नामक बीसवें कल्प में रक्तवर्ण ब्रह्मा पुत्र की कामना से परमेश्वर का ध्यान कर रहे थे उसी समय उनसे एक पुत्र प्रकट हुआ जिसने लाल रंग के वस्त्र-आभूषण धारण किये थे यह भगवान शंकर का वामदेव रूप था और दूसरा अवतार था जो ब्रह्माजी के जीव-सुलभ अज्ञान को हटाने के लिए तथा सृष्टि रचना की शक्ति देने के लिए था

भगवान शिव का तत्पुरुष नामक तीसरा अवतार पीतवासा नाम के इक्कीसवें कल्प में हुआ इसमें ब्रह्मा पीले वस्त्र, पीली माला, पीला चंदन धारण कर जब सृष्टि रचना के लिए व्यग्र होने लगे तब भगवान शंकर ने उन्हेंतत्पुरुष रूपमें दर्शन देकर इस गायत्री-मन्त्र का उपदेश किया

तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रयोदयात्

इस मन्त्र के अद्भुत प्रभाव से ब्रह्मा सृष्टि की रचना में समर्थ हुए

️’शिवनामक कल्प में भगवान शिव का अघोर नामक चौथा अवतार हुआ ब्रह्मा जब सृष्टि रचना के लिए चिन्तित हुए, तब भगवान ने उन्हेंअघोर रूपमें दर्शन दिए भगवान शिव का अघोर रूप महाभयंकर है जिसमें वे कृष्ण-पिंगल वर्ण वाले, काला वस्त्र, काली पगड़ी, काला यज्ञोपवीत और काला मुकुट धारण किये हैं तथा मस्तक पर चंदन भी काले रंग का है भगवान शंकर ने ब्रह्माजी कोअघोर मन्त्रदिया जिससे वे सृष्टि रचना में समर्थ हुए

विश्वरूप नामक कल्प में भगवान शिव का ईशान नामक पांचवा अवतार हुआ ब्रह्माजी पुत्र की कामना से मन-ही-मन शिवजी का ध्यान कर रहे थे, उसी समय सिंहनाद करती हुईं सरस्वती सहित भगवानईशानप्रकट हुए जिनका स्फटिक के समान उज्ज्वल वर्ण था भगवान ईशान ने सरस्वती सहित ब्रह्माजी को सन्मार्ग का उपदेश देकर कृतार्थ किया

भगवान शिव के इन पंचमुख के अवतार की कथा पढ़ने और सुनने का बहुत माहात्म्य है यह प्रसंग मनुष्य के अंदर शिव-भक्ति जाग्रत करने के साथ उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूरी कर परम गति देने वाला है

 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक खतरनाक साजिश की सच्चाई

  🔸“संयुक्त परिवार को तोड़कर उपभोक्ता बनाया गया भारत: एक खतरनाक साजिश की सच्चाई* ⚡“जब परिवार टूटते हैं, तभी बाजार फलते हैं” — ये सिर्फ विच...