पुष्प किसे कहते हैं ?
जिससे पुण्य की वृद्धि, पापों का नाश व प्रचुर मात्रा में उत्तम फलों की प्राप्ति होती है, उसे ‘पुष्प’ कहा
जाता है । शास्त्रों में कहा गया है कि—‘देवस्य मस्तकं कुर्यात् कुसुमोपहितं सदा ।’ अर्थात् देवता का मस्तक सदैव पुष्प से सजा रहना चाहिए ।
भगवान को पुष्प चढ़ाने का फल
भगवान को सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात आदि चढ़ाने से वे उतना प्रसन्न नहीं होते हैं जितना कि वे एक पुष्प चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं । भगवान की पुष्पों से अर्चना करके राजा नृग, ययाति, नहुष, रघु, भगीरथ और न जाने कितने राजाओं ने चक्रवर्ती साम्राज्य प्राप्त किया और अनेकों को यक्ष, विद्याधर, गंधर्व व देवता के पद की प्राप्ति हुई । फूलों की तुलना में माला चढ़ाने से दुगुना फल मिलता है । भगवान को पुष्प चढ़ाने से होती है इन कामनाओं की पूर्ति—
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दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मी की वृद्धि होती है ।
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अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है ।
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परिवार में मंगल होता है।
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ऐश्वर्य बढ़ता है ।
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पुष्पों की सुगंध की तरह मनुष्य की कीर्ति सब जगह फैलती है ।
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मन प्रसन्न रहता है।
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मनुष्य के तेज और बल की वृद्धि होती है ।
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वंश वृद्धि होती है ।
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शत्रु शान्त हो जाते हैं ।
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आरोग्य की प्राप्ति होती है ।
पुष्पार्चन में रखें इन बातों का ध्यान
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तुलसीपत्र, बेलपत्र और अगस्त्य के फूल कभी बासी नहीं होते हैं । कमल ११ दिन तक और कुमुद ५ दिन तक बासी नहीं होते हैं ।
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तुलसी, बेलपत्र, पान व आमलकी के टूटे-फूटे पत्ते भी भगवान को चढ़ाये जा सकते हैं ।
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चम्पा की कली को छोड़कर किसी दूसरे पुष्प की कली भगवान पर नहीं चढ़ानी चाहिए ।
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कोई भी पत्र, पुष्प या फल भगवान पर उलट कर नहीं चढ़ाना चाहिए । ‘यथोत्पन्नं तथार्पणम’ जैसे उत्पन्न होते हैं वैसे ही चढ़ाने चाहिए किन्तु भगवान को पुष्पांजलि देते समय पुष्प और बेलपत्र को उलटकर ही चढ़ाया जाता है ।
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दोपहर के बाद पुष्प तोड़ने का निषेध है ।
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तुलसी रविवार और द्वादशी को नहीं तोड़नी चाहिए ।
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घर पर लगाये गए कनेर व दोपहरिया के पुष्प भगवान पर नहीं चढ़ाये जाते हैं ।
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माली के घर रखे हुए फूलों में बासी का दोष नहीं होता है ।
भगवान को न चढ़ायें ऐसे फूल
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जो फूल बायें हाथ से तोड़ा हो
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जो पुष्प अपने आप भूमि पर गिर जाते हैं उन्हें उठा कर भगवान को अर्पित न करें ।
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भगवान पर चढ़ाया हुआ फूल ’निर्माल्य’ पुन: भगवान पर न चढ़ाएं
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दूसरे के बगीचे से तोड़े हुए
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किसी से मांगे हुए
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सूंघा हुआ और अपने शरीर पर लगाया हुआ
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कुम्हलाये हुए, जिसकी पंखुड़ियां बिखर गयी हों
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कटे फटे, कीड़ों से काटे गए, चूहे के काटे हुए
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जो अभी पूरी तरह से खिले न हों
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जिन पुष्पों में बाल लगा हो
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बासी फूल
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पैर से छुए हुए
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जिसमें खट्टी गंध या सड़ांध आती हो
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अपने पहनने वाले अधोवस्त्र में रखकर लाया गया हो
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तेज गन्ध वाले
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चुराये हुए पुष्प

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