शुक्रवार, 19 जून 2020

हनुमान_____कथा


एक दिन हनुमानजी जब , सीताजी की शरण में आए.!
नैनों में जल भरा हुआ है , बैठ गए शीश झुकाए.!!

सीता जी ने पूछा उनसे , कहो लाडले बात क्या है.! 
किस कारण ये छाई उदासी , नैनों में क्यों नीर भरा है.!!

हनुमान जी बोले , मैया आपनें कुछ वरदान दिए हैं.!
अजर अमर की पदवी दी है और बहुत सम्मान दिए हैं.!
अब मैं उन्हें लौटानें आया , मुझे अमर पद नहीं चाहिए.!
दूर रहूं मैं श्री चरणों से , ऐसा जीवन नहीं चाहिए.!!

सीता जी मुस्काकर बोली , बेटा ये क्या बोल रहे हो.!
अमृत को तो देव भी तरसे , तुम काहे को डोल रहे हो.!

इतने में श्रीराम प्रभु गए और बोले.! 
क्या चर्चा चल रही है , मां और बेटे में.!!

सीताजी बोली सुनो नाथ जी.!
ना जाने क्या हुआ हनुमान को.!
पदवी अजर - अमर , लौटानें आया है ये मुझको.!!

राम जी बोले क्यों बजरंगी , ये क्या लीला नई रचाई.!
कौन भला छोड़ेगा , अमृत की ये अमर कमाई.!!

हनुमानजी रोकर बोले , आप साकेत पधार रहे हो.!
मुझे छोड़कर इस धरती पर , आप वैकुंठ सिधार रहे हो.! 
आप बिना क्या मेरा जीवन , अमृत का विष पीना होगा.!
तड़प-तड़प कर विरह अग्नि में , जीना भी क्या जीना होगा.!
प्रभु अब आप ही बताओ , आप के बिना मैं यहां कैसे रहूंगा.!!

प्रभु श्रीराम बोले : 
हनुमान सीता का यह वरदान , सिर्फ आपके लिए ही नहीं है.! 
बल्कि यह तो , संसार भर के कल्याण के लिए है.! 
तुम यहां रहोगे और संसार का कल्याण करोगे.! 
मांगो हनुमान वरदान मांगो.!!

हनुमान जी बोले : 
जहां जहां पर आपकी कथा हो , आपका नाम हो.! 
वहां-वहां पर मैं उपस्थित होकर , हमेशा आनंद लिया करूं.!!

सीताजी बोलीं : दे दो , प्रभु दे दो.!

भगवान राम नें हंसकर कहा : तुम नहीं जानती सीते.!
ये क्या मांग रहा है , ये अन्गिनत शरीर मांग रहा है.!
जितनी जगह मेरा पाठ होगा , उतनें शरीर मांग रहा है.!!

सीताजी बोलीं : दे दो फिर क्या हुआ , आपका लाडला है.!

प्रभु श्रीराम बोले : तुम्हरी इच्छा पूर्ण होगी.!
वहां विराजोगे बजरंगी , जहां हमारी चर्चा होगी.! 
कथा जहां पर राम की होगी , वहां ये राम दुलारा होगा.! 
जहां हमारा चिंतन होगा , वहां पर जिक्र तुम्हारा होगा.!!

कलयुग में मुझसे भी ज्यादा , पूजा हो हनुमान तुम्हारी.!
जो कोई तुम्हरी शरण में आए , भक्ति उसको मिले हमारी.!
मेरे हर मंदिर की शोभा बनकर , आप विराजोगे.! 
मेरे नाम का सुमिरन करके , सुध बुध खोकर नाच

 

https://youtu.be/xJEBJpFqbdo?si=vN1w99v0W4LYAtOS

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक खतरनाक साजिश की सच्चाई

  🔸“संयुक्त परिवार को तोड़कर उपभोक्ता बनाया गया भारत: एक खतरनाक साजिश की सच्चाई* ⚡“जब परिवार टूटते हैं, तभी बाजार फलते हैं” — ये सिर्फ विच...