तरबूज गर्मियों के मौसम में खाने से और तरबूज का रस पीने से गरमी और लू का असर बहुत ही जल्दी खत्म हो जाता है, और गरमी से त्रस्त तन और मन को बहुत शांति मिलती है । तरबूज का फल प्रचुर जल वाली नदी और तालाबों के आसपास अच्छे से पैदा होता है । तरबूज की लालिमा से और महक से उसके मीठेपन का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है । तरबूज के ताजे कटे टुकड़ो पर काला नमक और काली मिर्च का चूर्ण डालकर खाने से पाचन क्रिया बहुत ही उत्तम हो जाती है और शरीर में वायु के रोगों की भी शांति होती है ।
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तरबूज की प्रकृति ठण्डी होती है और यह मूत्र मार्ग के अवरोध को दूर करता है । तरबूज के सेवन से गरमी का प्रकोप शांत होता है और तरबूज पित्त के विकारों को शमन करता है । तरबूज का रस पीने से पेट की जलन बहुत जल्दी शांत होती है । तरबूज के बीज मस्तिष्क की शक्ति के लिये बहुत उपयोगी होता है । तरबूज के बीजों की गिरी को घी में तलकर खाने से मस्तिष्क को बहुत शांति मिलती है और स्मरण शक्ति बहुत तीव्र हो जाती है ।
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गर्मियों के मौसम में तरबूज खाने से व तरबूज का रस पीने से गर्मी से होने वाली बेचैनी और घबराहट दूर हो जाती है । तरबूज का सेवन से पीलिया रोग में भी बहुत लाभ मिलता है । यदि मूत्र मार्ग की पथरी हो जाये तो तरबूज का सेवन बहुत ही अच्छा लाभ देता है । स्त्रियों के श्वेत-प्रदर (ल्युकोरिया) रोग में तरबूज बहुत लाभ पहुँचाता है ।
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तरबूज
के
गुणकारी
रासायनिक
तत्व
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जानकारों के अनुसार तरबूज में कैल्शियम, फास्फोरस, ऑयरन विभिन्न विटामिन मौजूद होते हैं । जिस कारण से तरबूज शरीर को बहुत शक्ति प्रदान करता है । तरबूज के फल में 95-96 प्रतिशत तो अकेले जल की ही मात्रा होती है । इसके अतिरिक्त तरबूज में कैल्शियम 0.1 प्रतिशत,फास्फोरस 0.01 प्रतिशत और ऑयरन 0.2 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम में होता है । तरबूज में विटामिन सी का पूर्णतया अभाव होता है किंतु तरबूज में 2.0 माइक्रोग्राम विटामिन बी पाया जाता है । इसके अतिरिक्त तरबूज में विटामिन ई होता है जो शरीर को अधिक शक्ति और स्फुर्ति देता है । तरबूज में पाया जाने वाला यह विटामिन ई सौंदर्य समस्याओं में भी बहुत उपयोगी पाया जाता है । इस विटामिन ई की मात्रा तरबूज के अंदर 1 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम में होती है । इन सबके अतिरिक्त तरबूज में प्रोटीन 0.1 प्रतिशत और कार्बोहाइड्रेट 3.8 प्रतिशत होते है । तरबूज में पायी जाने वाली वसा की मात्रा 0.2 प्रतिशत होती है ।
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तरबूज
के
घरेलू
नुस्खे
के
प्रयोग
:-
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1 :- तरबूज का रस चेहरे और गले पर रगड़ने से त्वचा की गर्मी शांत होती है और सौंदर्य में निखार आता है ।
2 :- तरबूज के अंदर विटामिन ए और विटामिन बी पाया जाता है जिस कारण से तरबूज का सेवन करने वाले को और तरबूज का रस नहाने से पहले रोज सुबह शरीर पर मलने वाले की झुर्रियाँ नष्ट होती हैं ।
3 :- तरबूज खाने से और तरबूज का रस पीने से दिमाग को ताजगी और ठण्डक मिलती है जिस कारण से तरबूज का सेवन दिमागी बुखार से भी बचाता है ।
4 :- तरबूज खाने से गर्मी के मौसम में बार बार लगने वाली प्यास की समस्या में बहुत ही उत्तम लाभ होता है ।
5 :- तरबूज का रस निकालकर 300 मिलीलीटर में 20 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से, लू लगने से सिर में होने वाले दर्द में राहत मिलती है ।
6 :- तरबूज का रस 300 मिलीलीटर लेकर उसमें 1 ग्राम खाने का सोडा मिलाकर रोज दो बार पीने से मूत्र मार्ग की पथरी में अचूक लाभ मिलता है । तरबूज के रस का यह प्रयोग गर्मी के कारण मूत्र मार्ग में होने वाली जलन में भी लाभ मिलता है ।
7 :- तरबूज खाने और तरबूज का रस पीने से बढ़ा हुआ रक्तचाप ठीक होने की बात भी जानकार बताते हैं ।
8 :- तरबूज के 150 मिलीलीटर रस में 100 मिलीलीटर संतरे का रस और 15 मिलीलीटर अदरक का रस मिलाकर पीने से शरीर में ऊर्जा की पूर्ती होती है । ज्यादा पसीना निकल जाने के कारण शरीर में महसूस होने वाली कमजोरी को दूर करने में तरबूज का यह प्रयोग बहुत ही अचूक लाभकारी सिद्ध होता है ।
9 :- तरबूज का सेवन करने से मूत्र का कम आना और जल कर अथवा लग कर आने की समस्या दूर होती है । यदि रोज सुबह नियमित तरबूज का 200 मिलीलीटर रस पिया जाये तो यह पेशाब में आने वाली गंदगी को भी साफ करता है ।
10 :- तरबूज खाने से शरीर में स्थूलता नही बढ़ती है और वजन नियंत्रण में रहता है । अत: वजन घटाने के इच्छुक लोगों को गर्मियों के मौसम में तरबूज का नियमित सेवन करना चाहिये ।
11 :- तरबूज के रस में भुना हुया जीरा मिलाकर पीने से गैस की समस्या दूर होती है और ऑतों की कार्यशक्ति भी बढ़ती है ।
12 :- तरबूज के छिलकों को पैर के तलवों में रगड़ने से पैरों की जलन की समस्या मिलती है ।
13 :- तरबूज का शर्बत बनाकर उसमें यदि अदरक का रस , नीम्बू का रस व सेंधा और काला नमक मिलाकर पिया जाये तो भूख खुलती है और छोटे-मोटे पाचन विकार भी ठीक हो जाते हैं ।
14 :- तरबूज के बीजों को पीसकर थोड़ा सा गुलाबजल मिलाकर यदि स्क्रब किया जाये तो त्वचा की समस्त गंदगी निकल कर त्वचा निखर उठती है ।
15 :- तरबूज के ताजे टुकड़ों पर काली मिर्च पाउडर, सेंधा व काला नमक बुरककर खाने से खट्टी डकारों का आना बंद होता है ।
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तरबूज
का
सेवन
करते
समय
ध्यान
रखें
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1:- तरबूज का सेवन हमेशा ठण्डा करके ही करना चाहिये । तरबूज को ठण्डा करने के लिये 2-3 घण्टे के लिये ठण्डे पानी में डुबाकर रखना चाहिये अथवा फ्रीज में रखकर भी ठण्डा किया जा सकता है । यदि गर्म तरबूज का सेवन किया जाये तो अतिसार होने का खतरा हो जाता है ।
2 :- तरबूज का सेवन अस्थमा के रोगी को नही करना चाहिये । क्योकि ठण्डा होने की वजह से तरबूज श्वास नलिका को प्रभावित कर सकता है जिस कारण से तरबूज का सेवन करने के बाद अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है ।
3 :- तरबूज का सेवन खाँसी के रोगी को भी नही करना चाहिये ।
4 :- तरबूज का सेवन रात के समय कदापि नही करना चाहिये ।
5 :- तरबूज का सेवन करते समय उस पर काला नमक जरूर थोड़ा सा डाल लेना चाहिये ।
6 :- तरबूज का सेवन ताजा काटकर ही करना चाहिये ।

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