बुधवार, 24 मार्च 2021

श्रीआंजनेय द्वादशनामस्तोत्रम्

 

श्रीआंजनेय द्वादशनामस्तोत्रम्

हनुमानंजनासूनुः वायुपुत्रो महाबलः । रामेष्टः फल्गुणसखः पिंगाक्षोऽमितविक्रमः ॥ १॥ उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशकः । लक्ष्मण प्राणदाताच दशग्रीवस्य दर्पहा ॥ २॥ द्वादशैतानि नामानि कपींद्रस्य महात्मनः । स्वापकाले पठेन्नित्यं यात्राकाले विशेषतः । तस्यमृत्यु भयंनास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक खतरनाक साजिश की सच्चाई

  🔸“संयुक्त परिवार को तोड़कर उपभोक्ता बनाया गया भारत: एक खतरनाक साजिश की सच्चाई* ⚡“जब परिवार टूटते हैं, तभी बाजार फलते हैं” — ये सिर्फ विच...