शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

ନୂଆଖାଇ नूआखाइ Nuakhai


Nuakhai :- नूआखाइ पर्व पश्चिम औड़िशा का कृषि- जनित एक प्रधान पर्व होनेके कारन यहाँ के रहने वाले जिला के नूआपड़ा, सम्वलपुर, कलाहाण्डि, वलाङ्गिर, बरगड़, सुन्दरगड़, झारसुगुड़ा, देवगड़, वौद्ध, फुलवाणी और नवरङ्गपुर के केहिँ केहिँ स्थान पर ये गणपर्व नूआखाइ पर्व मनाया याता हैं आम तौर पर भवानिपाटना गडजात इलाके के कुछ लोग को छोड कर बचे सभि पश्चिम औड़िशा के स्थान पर भाद्रव पञ्चमि तिथि के सुभमुहुर्त्त समय पर सामुहिक, सङ्गठन तौर पर, कुटुम्व परिजनो के साथ यह नूआखाइ पर्व पालन किया जाता हैँ (भवानिपाटणा इलाके मेँ यह भाद्रव दशमि के दिन सम्पन्न कियाजाता हैं)
नूआखाइ पर्व के लिए बच्चे से ले कर वृद्ध-वृद्धा सभि लोग अपने लिए नए परिधान तैयार/खरिद कर इस पर्व पर पहनते है क्युकि ये पर्व कृषि जनित पूजा पर्व होने के कारन इस पूजा मे नये उपकरण चुह्ला, हाण्डि, मिट्टि का दीपक, टोकरा, कुला आदि का उपयोग मेँ लाया जाता हैँ वर्ष का नये उत्पादको खिर या लड़ु मे मिलाकर कुरे पत्ते मे पकड कर सामुहिक रुपसे परिवार के, कुटुम्व के या ग्राम के लोग एक साथ एक स्थान मे एकठ्ठा वैठकर नयै वर्षके नये अर्ण्णको एक साथ एक निश्चित समय पर ग्रहण करते हैं इस अर्ण ग्रास करलेने के बाद, पर्वका अभिनन्दन इझार करनेको जाकर बयस मे छोटे लोग अपनेसे वड़े उम्र के लोग को जुहार करते है (प्रणिपात नमस्कार) और साम के समय पर आञ्चलिक नाच गाने के ताल पर रसरकेलि, रङ्गवति, ड़ालखाइ, माएँलाजड़, चुटकुचुटा, सजनी, नाचनीआ, वजनिआ, रसवति विलास आदि लोक गित के ताल मेँ झुम उठते हैं
नूआखाइ केँ अगलेदिन को नूआखाइ बासि/छाडखाइ के नाम पर मांस आदि खाद्य खा कर आपस मेँ लोग खुसि मनाते हैं केहि केहि पर न्यस्य भोजि के लिए आमन्त्रित करने का प्रथा भि निभाया जाता हैं सामाजिक भाईचारा भि बड रहा हैं ईसे देख कर भारत के विभिन्न प्रान्त मेँ भि नूआखाइ भेटघाट आयोजन हो रहा हैं  
(
नुआखाइ जुहार)







https://www.facebook.com/photo.php?fbid=1103330229754848&set=a.681068045314404.1073741870.100002336451884&type=3&theater


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक खतरनाक साजिश की सच्चाई

  🔸“संयुक्त परिवार को तोड़कर उपभोक्ता बनाया गया भारत: एक खतरनाक साजिश की सच्चाई* ⚡“जब परिवार टूटते हैं, तभी बाजार फलते हैं” — ये सिर्फ विच...