बुधवार, 1 नवंबर 2023

महिलाओं के 16 श्रृंगार

 *🌹करवा चौथ :सौभाग्य का प्रतीक,सुहागन महिलाओं के 16 श्रृंगार की चर्चा:-🌹*

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*🌼 भारत की हिंदू महिलाएं किसी भी पर्व, त्योहार या मांगलिक कार्यों में पारंपरिक श्रृंगार करती हैं, यानी महिलाएं सजने संवरने का कार्य करती है जिसे मेकअप करना कहते हैं , करवा चौथ, हरियाली तीज, दिवाली, दशहरा आदि पर  सजने-संवरने के लिए महिलाएं कई तरह के सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करती हैं। सौभाग्य के लिए भी 16 श्रृंगार किया जाता हैं*

*🌸1. स्नान :-श्रृंगारों का प्रथम चरण है स्नान। कोई भी और श्रृंगार करने से पूर्व नियम पूर्वक स्नान करते हैं। स्नान में शिकाकाई, भृंगराज, आंवला, उबटन और अन्य कई सामग्रियां मिलाते हैं। तब वस्त्र धारण करते हैं। दुल्हन हैं तो लाल रंग का लहंगा पहनती है, जिसमें हरे और पीले रंग का उपयोग भी होता।*

*🌸2. बिंदी :-सुहागिन महिलाओं द्वारा कुमकुम की बिंदी को माथे पर लगाना पवित्र माना जाता है। यह गुरु के बल को बढ़ती है।*

*🌸3. सिंदुर :-सिंदुर से मांग भरी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे पति की आयु वृद्धि होती है।*

*🌸4. काजल :- काजल से आंखों की सुंदरता बढ़ जाती है और इससे मंगलदोष भी दूर होता है।*

*🌸5. मेहंदी :- मेहंदी से हाथों की सुंदरता बढ़ती है। मेहंदी लगाना शुभ होता है। कहते हैं कि इससे पति का प्यार मिलता है।*

*🌸6. चूड़ियां :-चूड़ियां सुहाग का प्रतीक है। लाल रंग खुशी का और हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है।*

*🌸7. मंगल सूत्र :-मंगल सूत्र भी सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इसके काले मोती बुरी नजर से बचाते हैं। इसके अलावा गले में नौलखा हार या कहें कि स्वर्णमाला भी पहनते हैं।* 

*🌸8. नथ :- इसे नथनी भी कहते हैं। नाक में चांदी का तार या लौंग पहना जरूरी होता है। इससे जहां सुंदरता बढ़ती हैं वहं बुध का दोष भी दूर होता है।*

*🌸9. गजरा :- इसे वेणी या चूड़ा मणि भी कहते हैं। यह बालों में सुंदरता और सुगंध के लिए लगाया जाता है।*

*🌸10. मांग टीका :- यह माथे के बीचोबीच पहना जाता है। यह विवाह के बाद शालीनता और सादगी से जीवन बिताने का प्रतीक है।*

*🌸11. झुमके :-इसे कुंडल और बाली भी कहते हैं। कानों में स्वर्ण बाली या झुमके पहनने से राहु और केतु का दोष दूर होता है। यह इस बात का भी प्रतीक है कि ससुराल वालों की बुराई करने और सुनने से दूर रहना।*

*🌸12. बाजूबंद :- यह सोने या चांदी का सुंदर सा कड़े की आकृति का जेवर रहता है जो बाजू में पहना जाता है। इससे परिवार के धन और समृद्धि की रक्षा होती है।*

*🌸13. कमरबंद :-इसे तगड़ी भी कहते हैं। यह कमर में पहना जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि सुहागिन आप अपने घर की मालकिन है। यह साड़ी को संभालकर भी रखता है।*

*🌸14. बिछिया :- इसे बिछुआ भी कहते हैं। यह पैरों के अंगुली में पहनी जाती है। यह सूर्य और शनि के दोष दूर करती है और यह इस बात का प्रतीक भी है कि सुहागिन अब हर समस्याओं का साहस के साथ सामना करेगी।*

*🌸15. पायल :- इसे पाजेप भी कहते हैं। पायल और बिछिया दोनों ही चांदी की ही पहनते हैं।*

*🌸16. अंगूठी :-विवाह के पूर्व यह मंगनी के दौरान पति अपनी पत्नी को पहनाता है।*

*🌺इसके अलावा आजकल नेलपेंट और लिपस्टिक का भी प्रचलन हो चला है। हालांकि पौराणिक समय में और भी कई तरह के 16 श्रृंगार होते थे जिसमें अधरों और नख का रंगना, तांबूल आदि कई और भी श्रृंगार की सामग्री शामिल थीं,,!!*


   *सभी सम्मान्नित,सुहागन महिलाओं को समर्पित,,!!*

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